सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमारा दायरा अनंत, यहां पीएम बनाने की मांग भी कर सकते हैं

 महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार बनने के मामले में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की याचिका पर रविवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस एवी रमना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का दायरा असीमित हैं, इसलिए कोर्ट में कोई भी कुछ भी मांग सकता है। कोर्ट में कोई यह भी मांग कर सकता है कि उसे प्रधानमंत्री बनाया जाए। कोर्ट ने यह टिप्पणी केंद्र की ओर पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी की उस बात पर कही, जिसमें उन्होंने कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की याचिका पर सवाल उठाए। 



अजित पवार का व्हिप चलेगा या नहीं इस पर दो तरह की राय
महाराष्ट्र में अजित पवार के विधायक दल का नेता बनने से एनसीपी व्हिप को लेकर फंस गई है। विधान मंडल के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे ने बताया कि राष्ट्रपति शासन में विधायक दल के नेता के रूप में जिसका नाम दिया जाता है, वही अंतिम होता है। एनसीपी की तरफ से वह नाम अजित पवार का गया है। अब उनका व्हिप मानने के लिए एनसीपी विधायक बाध्य रहेंगे। हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अजित की व्हिप मान्य नहीं होगा। वहीं, भाजपा के सांसद संजय काकडे ने शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों के बीच देर तक चर्चा हुई।


टिप्पणी: राज्यपाल सरकार के लिए हर किसी को नहीं बुला सकता


सिब्बल बोले- जो समय दिया गया, वह बहुत ज्यादा, ये लोकतंत्र से धोखा और उसकी हत्या


गठबंधन की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा- 'यदि फडणवीस के पास संख्या बल है, तो उन्हें सदन में यह साबित करने दें, नहीं तो सरकार बनाने के लिए हमारे पास संख्या बल है। राज्यपाल ने उन्हें बहुमत के लिए 30 नवंबर तक का जो समय दिया है, वह बहुत ज्यादा है। यह लोकतंत्र के साथ धोखा और उसकी हत्या है। सरकार बनाने की मंजूरी तब दी गई, जब एनसीपी के 54 में से 41 विधायक उनके साथ नहीं हैं।'


रोहतगी बोले- राज्यपाल जिसे चाहें बुला सकते हंै, याचिका हाई कोर्ट में दायर होनी चाहिए थी


केंद्र से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर होनी चाहिए। सरकार बनाने के लिए बुलाने का राज्यपाल का निर्णय अनुच्छेद- 361 के तहत उनकी शक्ति का हिस्सा है, जो उसे न्यायिक समीक्षा से बचाता है। कोर्ट ने कहा, पर राज्यपाल किसी को भी सरकार के लिए नहीं बुला सकते।' इस पर रोहतगी ने कहा, तीनों दलों को समय दिया गया, पर उन्होंने सरकार नहीं बनाई, इसलिए देवेंद्र को बहुमत साबित करने दें। 


कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना विधायक  एक महीने में 10 से ज्यादा होटलों में शिफ्ट हुए


एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना नेता अपने विधायकों को सहेजने में जुटे हैं। विधायकों को हर दिन एक होटल से दूसरे होटल में शिफ्ट किया जा रहा। राज्य में होटल और रिजॉर्ट पॉलिटिक्स करीब एक महीने से चल रही है। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। तब से शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस 10 से ज्यादा बार विधायकों को टूटने से बचाने के लिए अलग-अलग होटल-रिजॉर्ट में ठहरा चुकी हैं। एनसीपी के विधायक शनिवार को रेनेसां होटल में ठहरे थे, रविवार शाम को उन्हें होटल हयात में शिफ्ट किया गया। पहले भी 3 बार एनसीपी विधायकों को होटलों और रिजॉर्ट में भेज चुकी है। वहीं, कांग्रेस विधायक मैरियट होटल में रुके हुए हैं।